अनमोल

वृद्धावस्था खूबसूरती को नष्ट कर देती है,


उम्मीद धैर्य को,


मृत्यु प्राणों को,


निंदा धर्म धर्म पूर्ण व्यवहार को,


क्रोध आर्थिक उन्नति को,


काम भाव लाज शर्म को,


तथा अहंकार सब कुछ नष्ट कर देता है ।