नित्य नवीन आदि, अनादि, अगोचर, अविचल, अविनाशी, अतुल, अनंत, अनामय अमित शक्तिराशि, जो नित्य है, नवीन है, निराकार है, अजन्मा है मैं उनको आगे से पीछे से, ऊपर से नीचे से,दाएं से बाएं से दंडवत प्रणाम करता हूं और इस शरीर को मन को वचन को उनको समर्पित करता हूं वह सब पर कृपा करें । December 31, 2019 • Mukut Varta